Honeybee story in Hindi

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उत्तोलन (Lift): वह बल जो ऊपर की दिशा में लगता है एवं कीटो तथा पक्षियों को उड़ने में मादा करता है |

कुशल (Efficient): समय या ऊर्जा बर्बाद किए बिना कोई कार्य करना।

दृढ़ (Rigid): कठोर |

वक्ष (Thorax): सामान्य तौर पर मनुष्यों में गर्दन और कमर के बीच का हिस्सा और एक कीट के शरीर का मध्य भाग जहां पैर और पंख जुड़े होते हैं।

स्पंदन (Pulsation): बार बार होने वाले एक ही प्रकार की क्रिया |

मधुमक्खियां कैसे उड़ती है?

क्या आपने कभी मधुमक्खियों की भिनभिनाहट सुनी है ? यह भिनभिनानने की आवाज़ मधुमक्खी के पंखो के फड़फड़ाने से उत्पन्न होती है | मधुमक्खियों के शरीर के दोनों तरफ दो पंख होते है जो कंघीनुमा हमुळी नामक संरचना से शरीर से जुड़े होते है | यह संरचना दोनों पंखो को एक बड़े पंख होने का आभास देती है जिससे कीट को उड़ने के दौरान अधिक उत्तोलन मिलता है |

carpenter beeBee wing anatomy

मधुमक्खी में दो प्रकार के पंख होते है - बाहरी जो बड़े होते है एवं आंतरिक जो छोटे होते है | फोटो: जूलिया विल्किन्स | 

दोनों पंख हमुळी नाम के कंघीनुमा संरचना से जुड़े होते है | चित्र पे क्लिक करके बड़ा किया जा सकता है | 

पंखो के फड़फड़ने के लिए मधुमक्खी के वक्ष की मांस पेशिया ऊपर नीचे तथा आगे पीछे स्पंदन करती है | यह हमारे श्वास लेने के सामान है | इसके फलस्वरूप मधुमक्खियां तेजी से पंख फड़फड़ा पाती है तथा उड़ान भरती है | मधुमक्खी एक सेकंड में २३० बार पंख फड़फड़ा 

मधुमक्खी के उड़ान का विज्ञान

Animated bee flying

यह एनीमेशन दिखाता है की मधुमक्खी उड़ान के दौरान अपने पंखो को कैसे इस्तेमाल करती है | नीचे दिए चित्र को देख कर पंख के उत्तरोत्तर चाल को देखा जा सकता है |  

वैज्ञानिको का मानना तह की मधुमक्खी के पंख दृढ़ होते है और वे किसी कागज के प्लेन की तरह उड़ती है |  हालांकि पंखो का शरीर की तुलना में काफी छोटा होना इस बात का संकेत था की अगर पंख  २३० बार भी फड़फड़ा ले तब भी मधुमक्खी के भार को नहीं उठा सकते है और इस तरह उड़ान संभव नहीं| वर्षो तक वैज्ञानिक इसे नहीं समझ सके पर अंत में उच्च क्वालिटी के वीडियो का सूक्ष्मता से अध्ययन करने पर पंखो के फड़फड़ाने एवं उड़ने के विज्ञानं का खुलासा हो सका |  

पंखो का अध्ययन उड़ान के विज्ञानं को समझने का महत्वपूर्ण जरिया था | उड़ने के दौरान मधुमक्खियों के पंख दृढ़ नहीं अपितु मुड़ते व् घुमते रहते है |  तेजी से होने वाली इस गति से मधुमक्खी के पंखो को इतना बल मिल पाता है की वे शरीर को उठा के रख सके एवं उड़ान भर सके |

Bee flight wing path

मधुमक्खी की उड़ान के दौरान पंख का मार्ग | अधिक जानकारी के लिए क्लीक करे | 

कुछ कीट पंख को आगे से पीछे की ओर फड़फड़ाने के लिए लम्बा समय लेते है | धीमी गति से होने वाली इस फड़फड़ाहट कीटो को उड़न में कुशल बनती है इसका अर्थ है की वे काम कार्य करके अधिक उत्तोलन प्राप्त कर सकते है | 

यह बात सोचने वाली है की मधुमक्खी यह तकनीक क्यों नहीं अपनाती तथा अकुशल तरीके से उड़ान क्यों भरती है? वैज्ञानिको का मानना है की इस तरह की उड़ान में अधिक वजन उठाया जा सकता है जो की मधुमक्खियों के मामले में सत्य है क्योकि उन्हें फूलों से मकरंद एवं पराग इकठ्ठा करके छत्ते तक लाना होता है | 


लेवेंडर के एक फूल के पास मंडराती हुई एक मधुमक्खी | चित्र विकिमीडिआ में माध्यम से |

पर और अधिक पढ़ें: मधुमक्खी कड़ी

Bee flying and collecting nectar from lavender
मधुमक्खी के पंख उनके शरीर के आकर के हिसाब से बहुत छोटे होते है तो वे उड़ कैसे पाती है?

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